हरिद्वार/ पिरान कलियर थाना क्षेत्र के गांव शिवदासपुर उर्फ तेलीवाला में बच्ची पर कथित चोरों के हमले की गुत्थी महज 12 घंटे में सुलझा ली गई है। तेज़तर्रार एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के निर्देशन में पुलिस टीम ने जब जांच की तो सारा मामला चौंकाने वाला निकला।
बीते 6 अगस्त को चौकी धनौरी पर सूचना दी गई थी कि ग्राम तेलीवाला निवासी तेजमिन के घर में कुछ अज्ञात चोर घुस आए और उसकी छोटी बेटी पर वार कर घायल कर दिया। बच्ची को गंभीर हालत में रुड़की सिविल अस्पताल और फिर हायर सेंटर रेफर किया गया।
घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने न सिर्फ मौके का निरीक्षण किया, बल्कि गांव में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली। कहीं से भी किसी संदिग्ध की पुष्टि नहीं हो सकी। मामले में संदेह गहराते देख पुलिस ने बच्ची की बड़ी बहन से गहन पूछताछ की।
कई राउंड पूछताछ में सामने आया कि घर में रोटी बनाने को लेकर दोनों बहनों में झगड़ा हुआ था, जिसके बाद बड़ी बहन ने गुस्से में आकर घर में रखी कील उखाड़ने वाली हथौड़ी से छोटी बहन के सिर पर वार कर दिया। हथौड़ी को बाद में छिपा दिया गया। अपनी गलती छिपाने और परिजनों से डर के चलते बच्चियों ने चोरों की झूठी कहानी गढ़ दी।
घायल बच्ची के ठीक होने के बाद जब उससे पूछताछ की गई तो उसने भी पूरे मामले की सच्चाई कबूल की।
चोरों की अफवाह और डर का फायदा उठा रहे शरारती तत्व
एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने कहा कि कुछ लोग गांव में चोरों की अफवाह फैलाकर भय का माहौल बना रहे हैं, जो न सिर्फ असत्य है, बल्कि बच्चों के मनोबल पर भी गलत असर डाल रहा है। ऐसी झूठी अफवाहें फैलाने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी रिपोर्टिंग करने वाले पोर्टल भी चिह्नित
एसएसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ कथित ऑनलाइन पोर्टलों द्वारा मौके पर गए बिना ही घटना को सनसनीखेज ढंग से प्रकाशित किया गया, जिससे आम जनता में भय का माहौल पैदा हुआ। ऐसे पोर्टलों की भी पहचान की जा रही है, और उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की सतर्कता से सच्चाई आई सामने
पुलिस ने दोनों नाबालिग बच्चियों की काउंसलिंग कर उन्हें माता-पिता के सुपुर्द कर दिया है। पूरे प्रकरण से यह स्पष्ट होता है कि अफवाहें न सिर्फ डर फैलाती हैं, बल्कि बच्चों तक को गुमराह कर सकती हैं।
पुलिस प्रशासन की अपील:
“ग्रामवासियों से अनुरोध है कि अफवाहों पर ध्यान न दें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई तय है।”