बसपा सुप्रीमो मायावती के इस दांव ने हरिद्वार लोकसभा में मचाई हलचल, कॉग्रेस और निर्दलीय की बढ़ी टेंशन; दिग्गज मुस्लिम नेता पर जताया भरोसा -

अभी तक हरिद्वार लोकसभा सीट पर जनता केबिनेट पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में प्रचार प्रसार में जुटी भावना पान्डेय ने अचानक जनता केबिनेट पार्टी छोड़ा और बसपा का दामन थाम लिया। उत्तराखंड प्रभारी शमशुद्दीन राइन ने मंच से घोषणा की कि भावना पान्डेय ने बसपा की सदस्यता ग्रहण की है।अभी सदस्यता ग्रहण किये हुए कुछ ही दिन हुए थे कि अचानक भावना पान्डेय ने बसपा को छोडा और भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपना समर्थन देते हुए कहा कि अब में चुनाव नही लडूंगी,बस भाजपा प्रत्याशी का समर्थन करूगी।आपको बतादें कि हरिद्वार जिले के सभी 11 विधानसभा क्षेत्रों में दलित और मुस्लिम विजेता का फैसला करने की स्थिति में हैं । 2011 की जनगणना के अनुसार, हरिद्वार जिले की कुल जनसंख्या 18,90,422 में से 6,48,119 मुस्लिम (34.28%) हैं। इन 11 निर्वाचन क्षेत्रों में 13,05,266 मतदाता हैं और जिले की प्रत्येक विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या औसतन 20% है। रूड़की, पिरान कलियर, भगवानपुर, मंगलौर, खानपुर, ज्वालापुर आदि छह से अधिक निर्वाचन क्षेत्र हैं जहां मुस्लिम मतदाताओं का प्रतिशत 25% तक हो सकता है।इन आंकड़ों के आधार पर बहन कुमारी मायावती ने मीरापुर विधानसभा से पूर्व बीएसपी विधायक मौलाना जमील अहमद कासमी को बसपा ने हरिद्वार लोकसभा से मैदान में उतारा।अब देखना है की जनता किस को चुन कर लोकसभा में भेजती हैं।

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