लक्सर :हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत के द्वारा दिए गए टिहरी बांध विस्थापितो का भूमिधर अधिकार का सर्वे हुआ प्रारंभ।हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत के द्वारा बताया गया कि जिस तरह से हरिद्वार ग्रामीण टिहरी बांध विस्थापितो के लोगों को सरकारों के द्वारा उनकी जमीन का भूमिधर अधिकार अभी नहीं दिया गया है यह बहुत ही निंदनीय है उन्होंने कहा कि जब टिहरी बांध स्थापित को सरकार की ओर से जमीन के पट्टे दिए गए थे वह लोग उस जमीन में अपनी फसल बो रहे हैं।लेकिन अभी भी उन लोगों को भूमिधर का अधिकार नहीं दिया गया।उसी को लेकर उन लोगों की पीड़ा को देखते हुए।
पथरी टिहरी बांध के विस्थापित लगभग 440 परिवारों को 40 साल बाद भी भूमिधरी का अधिकार नहीं मिला है। क्षेत्र की सड़कों का बुरा हाल है। दशकों से सड़कों का पुनर्निर्माण नहीं हुआ है। यातायात के लिए सुलभ ट्रांसपोर्ट सुविधा नहीं है। जंगली जानवर खेतीबाड़ी उजाड़ रहे हैं। वर्ष 1982 में टिहरी बांध परियोजना के अंतर्गत 436 विस्थापित परिवारों को यहां बसाया गया। जिसमें उनके द्वारा देश हित में अपनी पैतृक जन्मभूमि को छोड़ना पड़ा था। सभी चार भागों में बसे विस्थापित परिवारों को उस वक्त क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति की जानकारी नहीं थी। उनके लिए एकदम नई और गर्म जगह थी। बावजूद परिवारों ने मेहनत के दम पर खेतीबाड़ी आबाद की। व्यवसाय शुरू किया। स्थानीय लोगों से मेलजोल बढ़ाया और उनके सुख-दुख के साथी बन गए। हर समस्या का डटकर मुकाबला किया। लेकिन सरकार और जनप्रतिनिधियों ने हमेशा उनकी उपेक्षा की। जिससे क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। टिहरी बांध विस्थापितों को 40 साल हो गए हैं। अभी तक भूमिधरी का अधिकार नहीं मिला है। जिससे टिहरी बांध विस्थापितों को भूमि पर बैंकों से खेती के लिए ऋण नहीं मिलता है। हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपम रावत के द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान उनकी समस्या को उठाया गया।सरकार के द्वारा हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत के प्रस्ताव पर टिहरी बांध विस्थापितो को भूमिदर अधिकार का विधायक अनुपम रावत के प्रस्ताव पर सर्वे शुरू कर दिया गया है
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