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लक्सर : स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगर पंचायत सुलतानपुर आदमपुर शहरी क्षेत्र में एवं विकासखण्डों में डेंगू के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए लोगों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, शहरी विकास, नगर-निगम, नगर-पालिका आदि के साथ अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान दिए जाने के साथ-साथ डेंगू के रोकथाम के लिए निम्न प्रयास किया जा रहा है। डेंगू कीट जनित संचारी रोग है।
अपर चिकित्सा अधिकारी लक्सर अनिल वर्मा ने कहा कि एडिस प्रजाति के मच्छर डेंगू वायरस से संक्रमण फैलाते है। डेंगू दो रूप में परिलक्षित होता है-डेंगू फीवर एवं डेंगू हेमरेजीक फीवर। डेंगू का इनक्युबेशन पीरियड साधारणता: 5 से 7 दिन का होता है। एडिस इजिप्टी मच्छर प्राय: घरों में तथा घरों के आस-पास ठहरे हुए स्वच्छ पानी में पनपता है। यह मच्छर प्राय: दिन के समय काटता है। इन मच्छरों में डेंगू वायरस का संक्रमण 3 सप्ताह तक रहता है। संक्रमित ‘एडिस इजिप्टी’ मच्छर के अण्डे भी संक्रमित होते है, जो कि विकसित होकर संक्रमित मच्छर बनते है।
डेंगू रोग के प्रमुख लक्षणों में अकस्मात तेज सर दर्द व बुखार होना, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द होना, आंखों में दर्द होना जी मिचलाना व उल्टी होना, तथा गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूडों से खून आना, तथा त्वचा पर चकते उभरना है। दो से सात दिनों में मरीज की स्थिति गंभीर भी हो सकती है। शरीर का तापमान कम हो जाता है। शॉक की स्थिति निर्मित होती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अवगत कराया कि डेंगू के लक्षण दिखने पर तत्काल जिला अस्पताल में उपचार कराने कहा है।
नगर पंचायत सुल्तानपुर आदमपुर अधिशासी अधिकारी अजय अष्टवाल ने बताया कि नगर पंचायत सुलतानपुर आदमपुर की आशा कार्यकत्री के द्वारा शहर के सभी वार्डो का स्वास्थ्य निरीक्षण कराया गया। स्वास्थ्य निरीक्षक रिपोर्ट के आधार पर नगर पंचायत सुल्तानपुर में चिकित्सकों की टीम बुलाकर कैंप लगाया गया। कैंप में डेंगू मरीजों को मुफ्त दवाई व खून की जांच भी गई। और डेंगू से बचने के लिए क्वाइल एवं मार्टिन और मच्छरदानियों का उपयोग आदि का परिवार के सभी सदस्य अवश्य उपयोग करें। बच्चों एवं वृद्धों के लिए मच्छरदानी का उपयोग दिन में भी सोते समय करें। बीमारी के फैलाने से बचाया जा सके। नगर पंचायत कर्मचारियों ने कीटनाशक दवाइयां का छिड़काव व फॉकिंग कार्य को युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं।
चिकित्सकों द्वारा बताया गया
डेंगू के रोकथाम एवं बचाव के उपाय
घरों के आसपास पूर्ण साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें। कचरे को अपने आवास से दूर फेंके। घरों के कूलर, टेंक, ड्रम, बाल्टी आदि से पानी खाली करें। कूलर का उपयोग नही होने का दशा में उसका पानी पूरी तरह खाली करें। घरों के आसपास पानी एकत्रित होने वाली सभी अनुपयोगी वस्तुएं जैसे -टीन के डब्बे, कॉच एव प्लास्टिक के बोतल, नारियल के खोल, पुराने टायर आदि नष्ट कर दें तथा निस्तारी योग्य पानी में लार्वा पाए जाने पर टेमीफोस लार्वानाशक दवा का पानी की सतह पर छिड़काव करें। फ्रीज के ‘ड्रिप-पैन’ से पानी प्रतिदिन खाली करें। पानी संग्रहित करने वाले टंकी, बाल्टी, टब आदि सभी को हमेशा ढंककर रखें। घर में तथा आसपास साफ-सफाई अभियान के रूप में किए जाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।

डेंगू मरीज का उपचार एवं प्रबंधन
डेंगू फीवर के विषाणु को नष्ट करने कोई दवा प्रभावी नहीं है। मरीज को लक्षणों के अनुसार सर्पोटिव/कन्र्जवेटिव उपचार किया जाता है। डेंगू फीवर के मरीजों को ‘बेड रेस्ट’ की सलाह दें। बुखार कम करने के लिए एन्टी पायरेटिक्स एवं कोल्ड स्पान्जिग की आवश्यकता होगी। सैलीसिलेट एवं ब्रूफेन का उपयोग नही करना चाहिए। दर्द निवारक दवाइयों का उपयोग सावधानी पूर्वक करें एवं मरीजों को घरेलू तरल पदार्थ एवं ओआरएस घोल दिया जाना चाहिए।

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