हरिद्वार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को हरिद्वार पहुंचकर ‘वात्सल्य गंगा आश्रय’ का लोकार्पण किया और श्रीकृष्ण कथा में भाग लेते हुए साधु-संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर उन्होंने पतित पावनी माँ गंगा की आराधना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की आयोजक साध्वी ऋतंभरा की सराहना करते हुए कहा कि “दीदी माँ का जीवन सेवा, करुणा और समाज के पुनर्निर्माण का प्रतीक है। उनके प्रकल्पों से अनगिनत निराश्रित बेटियों का जीवन बदला है और उन्हें एक नया भविष्य मिला है।” उन्होंने कहा कि कम बोलकर ज़्यादा काम करने की सीख दीदी माँ से ली जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने राम जन्मभूमि आंदोलन की अपनी यादें साझा करते हुए बताया कि छात्र जीवन में उन्होंने दीदी माँ का उद्बोधन सुना था जिससे लाखों युवाओं को दिशा मिली। “दीदी माँ सनातन संस्कृति की ध्वजवाहिका हैं और उनके नेतृत्व में राष्ट्र और धर्म का उत्थान हो रहा है।
समान नागरिक संहिता और धार्मिक स्थलों का विकास।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) की शुरुआत उत्तराखंड से हो चुकी है और अन्य राज्यों में भी इसे लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा “जैसे गंगा उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश को जीवन देती है, वैसे ही समान नागरिक संहिता की यह गंगोत्री भी पूरे देश को दिशा देगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केदारनाथ और बद्रीनाथ धामों में भव्य विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होंने काशी विश्वनाथ, अयोध्या राम मंदिर और उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का भी उल्लेख करते हुए कहा कि “सनातन धर्म का पुनरुत्थान अब एक महापर्व बन चुका है।
आधुनिकता के साथ तीर्थ यात्रा को सुरक्षित बनाने का संकल्प।
चारधाम यात्रा पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक लगभग 18 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा की सुरक्षा और सुविधाएं सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। “दिल्ली से हरिद्वार-देहरादून तक एलिवेटेड रोड का काम तेजी से हो रहा है, जिससे सफर 2.5 घंटे में पूरा हो सकेगा,” उन्होंने कहा।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने की सराहना।
इस कार्यक्रम में मौजूद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी मुख्यमंत्री धामी की सराहना करते हुए कहा कि “धामी जी देश के लिए प्रेरणा हैं उनकी योजनाएं दिल्ली तक पहुंचेंगी।” उन्होंने यमुना नदी की सफाई और विकास के लिए उत्तराखंड से सहयोग लेने की भी बात कही।
अन्य गणमान्य भी रहे उपस्थित।
इस अवसर पर साध्वी ऋतंभरा, युगपुरुष परमानंद गिरी महाराज, आचार्य बालकृष्ण, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी, महामंडलेश्वर संतोषी माता सहित अनेक संत-महात्मा, विधायकगण, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।