वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देशन में हरिद्वार पुलिस का मानवीय कार्य, परिजनों की तलाश जारी
हरिद्वार पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) ने एक और बार मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए हर की पैड़ी क्षेत्र से लावारिस हालत में घूम रहे पाँच बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। बच्चों को कनखल स्थित खुले आश्रय स्थल में अस्थायी रूप से शरण दिलाई गई है। पुलिस ने बच्चों के परिजनों की तलाश भी शुरू कर दी है।
गंगा तट पर अकेले घूम रहे थे बच्चे, तत्काल की गई काउंसलिंग
AHTU हरिद्वार की टीम को गश्त के दौरान हर की पैड़ी क्षेत्र में पाँच बच्चे संदिग्ध अवस्था में दिखे। बच्चे घबराए हुए थे और किसी वयस्क की निगरानी में नहीं थे। टीम ने तुरंत बच्चों से बातचीत की और उनके नाम-पते जानने की कोशिश की।
बच्चों द्वारा बताए गए नाम (काल्पनिक नाम)
- कैलाश (15 वर्ष) – महुली ग्राम, ठाकुर मोहल्ला, मथुरा (उ.प्र.)
- मनीष (11 वर्ष) – मोहिनी नगर कॉलोनी, वृंदावन (उ.प्र.)
- सीताराम (12 वर्ष) – वृंदावन (उ.प्र.)
- कन्हैया (14 वर्ष) – वृंदावन (उ.प्र.)
- देव (13 वर्ष) – महरौली, दिल्ली. बच्चों की मेडिकल जांच और CWC के समक्ष पेशी
AHTU टीम ने बच्चों को तत्काल कार्यालय लाकर वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में काउंसलिंग कराई। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल ले जाकर मेडिकल परीक्षण कराया गया। सभी बच्चे स्वस्थ पाए गए। इसके पश्चात उन्हें बाल कल्याण समिति (CWC) हरिद्वार के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति ने बच्चों की मनोवैज्ञानिक स्थिति को देखते हुए और अभिभावकों के न मिलने तक कनखल स्थित खुले आश्रय गृह में रखने के आदेश दिए।
परिजनों की तलाश में जुटी विशेष पुलिस टीम
बच्चों के घरों का पता लगाने और उनके परिजनों से संपर्क करने के लिए हरिद्वार पुलिस द्वारा विशेष टीम गठित की गई है, जो अलग-अलग माध्यमों से बच्चों की पहचान की पुष्टि कर अभिभावकों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा,
“बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा समय पर की गई कार्रवाई से संभावित खतरे टले हैं। जल्द ही बच्चों को उनके परिजनों से मिलाने की पूरी कोशिश की जा रही है।”