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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के खिलाफ एक याचिका दाखिल की गई है, जिसे उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। इस मामले की सुनवाई 12 फरवरी को होगी। याचिका दाखिल करने वाले मोहम्मद इकराम बसेड़ी का कहना है कि UCC के प्रावधान संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं और यह मुस्लिम शरीयत के खिलाफ भी है। इस याचिका में इकराम अंसारी बसेड़ी, अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के भाई अलमासउद्दीन सिद्दीकी द्वारा दाख़िल की गई हैं।

याचिका दाखिलकर्ता ने कहा कि यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी जाएगी। जमीयत उलेमा और अन्य मुस्लिम संगठन भी इस संघर्ष में उनके साथ हैं। उन्हें न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है कि मौलिक अधिकारों की सुरक्षा की जाएगी।

इस मामले की सुनवाई 12 फरवरी को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश करेंगे, जिसके बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि मामला किस दिशा में आगे बढ़ेगा। उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद UCC के खिलाफ महत्वपूर्ण कानूनी चुनौती है, जो राज्य और देशभर में चर्चा का विषय बन गई है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने समान नागरिक संहिता को पूरी तरह से लागू किया है। इसके बाद अन्य राज्यों में भी इसे लागू करने को लेकर बहस तेज हो गई है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने भी उत्तराखंड सरकार के UCC के विरोध में कोर्ट जाने की बात कही थी । उनका कहा था कि वे शरीयत के खिलाफ कोई भी कानून स्वीकार नहीं करेंगे।

इस कानूनी प्रक्रिया के बाद, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्यायालय इस मामले में क्या निर्णय लेता है और इसका राज्य तथा देश के अन्य हिस्सों में UCC के कार्यान्वयन पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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