हरिद्वार जिले में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत कार्यरत श्रमिकों की त्रुटिपूर्ण उपस्थिति और फर्जी फोटोग्राफ्स अपलोड करने का मामला सामने आया है, जिसके चलते प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 14 ग्राम विकास अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। इसके अलावा 11 ग्राम रोजगार सेवकों की वित्तीय वर्ष 2025-26 की वार्षिक मानदेय वृद्धि पर रोक लगाई गई है।
मामले की जांच एनएमएमएस (नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम) पोर्टल के माध्यम से प्राप्त उपस्थिति रिकॉर्ड और फोटोग्राफ्स के आधार पर की गई। विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों और सूचना के बाद जनपद स्तर से खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि वे स्वयं फील्ड में जाकर उपस्थिति फोटोग्राफ्स की जांच करें और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें।
जांच में कई गंभीर लापरवाहियाँ पाई गईं, जिसके तहत:
14 वीडीओ (ग्राम विकास अधिकारी) को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
11 ग्राम रोजगार सेवकों की मानदेय वृद्धि रोकी गई,
संबंधित ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
मेटों को कार्य से पृथक किया गया है।
उप कार्यक्रम अधिकारियों (मनरेगा) पर आर्थिक दंड (अर्थदण्ड) लगाया गया है।
संबंधित खंड विकास अधिकारियों और कार्यक्रम अधिकारियों को अंतिम चेतावनी दी गई है।
हरिद्वार सीडीओ आकांक्षा कांडे ने निर्देश जारी किए हैं कि खंड विकास अधिकारी स्वयं तथा सहायक खंड विकास अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी फील्ड में औचक निरीक्षण करें। प्रगति पर चल रहे कार्यों का भौतिक सत्यापन करें और इसकी आख्या नियमित रूप से जिला स्तर पर प्रस्तुत करें।
इस सख्त कार्रवाई का मकसद मनरेगा योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। जनपद प्रशासन ने साफ कहा है कि भविष्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही या फर्जीवाड़ा सामने आने पर और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।