मार्च से ही हमला कर रही ब्लैक बग कीट प्रजाति, किसान बेहाल, कृषि चिकित्सक ने बताए समाधान
लक्सर। क्षेत्र के गन्ना किसानों की फसलों पर इन दिनों काली कीड़ी (ब्लैक बग) का जबरदस्त प्रकोप देखने को मिल रहा है। यह खतरनाक कीट तेजी से गन्ने की पत्तियों को चाटकर उसे बर्बाद कर रहा है। लगातार तीन साल से मार्च माह में ही इसका प्रकोप शुरू हो जाता है, जो कि पहले जून में दिखाई देता था। किसानों के अनुसार, यह कीड़ा खेतों में तबाही मचाए हुए है और फसल का भारी नुकसान हो रहा है।
कृषि चिकित्सक डॉ. बी.एस. तौमर ने बताया कि यह कीड़ा बहुत तेजी से अपनी संख्या बढ़ाता है। पहली पीढ़ी में यह कीट 250 अंडे देता है, दूसरी पीढ़ी में संख्या बढ़कर 62,500 अंडे हो जाती है, और तीसरी पीढ़ी में यह आंकड़ा पहुंच जाता है 1 करोड़ 56 लाख 25 हजार अंडों तक। यही अंडे कुछ ही हफ्तों में कीट बनकर खेतों पर टूट पड़ते हैं और पूरी फसल को चट कर जाते हैं।
ब्लैक बग से कैसे बचाएं गन्ने की फसल?
डॉ. बी.एस. तौमर के अनुसार, किसान इस कीट से अपनी फसल को बचाने के लिए दो तरह के ट्रैप और उचित कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं:
- लाइट ट्रैप (Light Trap)
रात में तेज रोशनी वाली ट्यूब या बल्ब के पास एक टब या पानी भरा बर्तन रखें जिसमें मिट्टी का तेल या डिटर्जेंट मिलाया गया हो। प्रकाश की ओर आकर्षित होकर कीट उसमें गिरकर नष्ट हो जाते हैं।
- फेरोमोन ट्रैप (Pheromone Trap)
इसमें विशेष फेरोमोन (कीटों को आकर्षित करने वाला हार्मोन) का प्रयोग होता है। यह ट्रैप नर कीटों को आकर्षित कर उन्हें पकड़ लेता है, जिससे उनकी प्रजनन प्रक्रिया बाधित होती है और अंडों की संख्या घट जाती है।
उपयुक्त कीटनाशक (कीट नियंत्रण दवा):
क्लोरपायरीफॉस 20% EC – 2 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL – 1 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़कें।
स्पिनोसेड 45% SC – जैविक विकल्प के रूप में प्रभावी है।
इन उपायों को अपनाकर किसान इस खतरनाक कीट पर प्रभावी नियंत्रण पा सकते हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि किसान नियमित अंतराल पर फसल की निगरानी करें और लक्षण दिखते ही तत्काल उपचार करें।